पत्रकारों से अभद्र व्यवहार ,झुठे मामलों में फंसाने की दि गई धमकी ,पत्रकार संघों में आक्रोश के साथ कि गई निंदा ,उच्च अधिकारीयों से कार्यवाही की मांग

सरगुजा। पत्रकारों को जनता और प्रशासन के बीच की कड़ी माना जाता है.लेकिन जब उन्हीं के साथ अभद्र व्यवहार किया जाए, तो यह न केवल लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय बनता है. बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता पर भी सवाल खड़े करता है. ऐसा ही एक मामला अम्बिकापुर से सामने आया है,जहां कोतवाली थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक शत्रुध्न सिंह ने पत्रकार सुमित सिंह को झूठे केस में फंसाने की धमकी देने के साथ ही गाली-गलौज की है ,वहीं आरक्षक विवेक कुमार राय ने थाना परिसर में ही पत्रकार पारसनाथ सिंह के साथ दुर्व्यवहार किया है.दरअसल , होली की रात (14 मार्च) अम्बिकापुर कोतवाली थाने में ऐसा ही एक मामला सामने आया. जब न्यूज संकलन के लिए पहुंचे डिजिटल मीडिया पत्रकार पारसनाथ सिंह के साथ थाने में पदस्थ आरक्षक विवेक कुमार राय ने दुर्व्यवहार किया.जब पत्रकार ने आरक्षक से एक जब्त स्कूटी के संबंध में जानकारी मांगी ,तो आरक्षक ने न केवल गाली-गलौच की,बल्कि पत्रकार को आगे बोलने तक का मौका नहीं दिया.प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार,आरक्षक विवेक कुमार राय उस वक्त नशे में था और पत्रकारों को देख लेने की धमकी तक दे डाली.

पत्रकारों के साथ बदसलूकी का सिलसिला जारी


जब इस घटना की जानकारी शहर के अन्य पत्रकारों को मिली, तो टीव्ही चैनल के संवाददाता सुमित सिंह भी थाने पहुंचे और पारसनाथ सिंह से किए गए दुर्व्यवहार को लेकर आरक्षक से सवाल किया. लेकिन आरक्षक विवेक कुमार राय ने सुमित सिंह के साथ भी दुर्व्यवहार किया और कहा,जो करना है कर लो , कुछ नहीं उखाड़ पाओगे,इस घटना के दौरान अन्य पत्रकार सुशील कुमार और मनोज तिवारी भी मौके पर मौजूद थे ,पुलिस के इस व्यवहार से आहत होकर सरगुजा प्रेस क्लब के पत्रकारों ने सरगुजा एसपी योगेश पटेल को ज्ञापन सौंपा और आरक्षक विवेक कुमार राय के खिलाफ उचित वैधानिक कार्रवाई की मांग की ,


पत्रकारों को धमकाने की कोशिश

यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि 19 मार्च की रात पत्रकार पारसनाथ सिंह को कोतवाली थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक शत्रुध्न सिंह ने अपने मोबाइल से कॉल कर पत्रकार सुमित सिंह को धमकी दी.फोन पर प्रधान आरक्षक ने गाली देते हुए कहा “सुमित सिंह को बता देना कि उसका मामला (केस) बहुत जल्दी खुलेगा.उसको अच्छे से निपटा दूंगा.सुमित सिंह ने एसपी से मेरी शिकायत की थी कि मैं चैंबर में बैठकर सिगरेट पीता हूं और शिकायतों पर सौदेबाजी करता हूं.अब उसे छोड़ूंगा नहीं, बहुत जल्दी उसका केस बनेगा,और मैं ही जांच करूंगा.तब उसे पता चलेगा कि उसने किससे पंगा लिया है.

सरगुजा प्रेस क्लब ने जताई नाराजगी, एसपी से की शिकायत

पत्रकारों के प्रति पुलिसकर्मियों के इस रवैये को लेकर सरगुजा प्रेस क्लब ने कड़ी आपत्ति जताई और पुलिसकर्मियों की इस मानसिकता की निंदा की.गुरुवार को जिले के सभी प्रमुख पत्रकारों ने एकजुट होकर सरगुजा जिले के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और पत्रकारों को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देने वाले प्रधान आरक्षक शत्रुध्न सिंह के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की मांग की.पत्रकारों का कहना है कि अगर पुलिस ही प्रेस को डराने और दबाने की कोशिश करेगी,तो निष्पक्ष पत्रकारिता कैसे संभव होगी? ऐसे माहौल में पत्रकार खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते,,वही इस पूरे घटनाक्रम को लेकर एसपी योगेश पटेल ने पत्रकारों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है,,अब देखना यह होगा कि पुलिस प्रशासन अपने ही कर्मचारियों के खिलाफ कितनी सख्त कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी अन्य घटनाओं की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा.एक ओर जहां लगातार पुलिस के द्वारा पत्रकारों से अभद्र व्यवहार व झुठे मामलों में फंसाने की धमकी व कार्यवाही को लेकर पुरे प्रदेश के पत्रकार सड़क पर उतर विरोध दर्ज कराने की बात कह रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कठोर कार्यवाही न होने से ऐसे पुलिसकर्मी जिनसे महकमे का नाम बदनाम होने के साथ इनका मनोबल भी बढता जा रहा है. बहरहाल अब देखने वाली बात होगी कि क्या सस्पेंड से ही मामले को निपटाया जाएगा या कोई कठोर कार्यवाही होगी या फिर नेतागिरी के दबाव में मामले में पटाक्षेप हो जाएगा.

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