Sainik School Admission 2025: सैनिक स्कूल में एडमिशन लेने के 7 फायदे, आम स्कूल से कितने अलग हैं यहां के बच्चे

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से ऑल इंडिया सैनिक स्कूल्स एंट्रेंस एग्जामिनेशन (AISSEE) 2025 के नतीजे जल्द घोषित होने वाले हैं। कक्षा 6 और 9 में एडमिशन के लिए हुई परीक्षा में छात्र अपना रिजल्ट NTA की आधिकारिक वेबसाइट exams.nta.ac.in/AISSEE पर चेक कर पाएंगे। प्रोविजनल आंसर की जारी हो चुकी है और जल्द फाइनल आंसर की के साथ सैनिक स्कूल रिजल्ट जारी किए जाएंगे। सैनिक स्कूल देश के युवाओं को अनुशासित और सक्षम बनाने में बहुत जरूरी भूमिका निभाते हैं और सैनिक स्कूल सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि कई और चीजों को जीवन में उतारने के लिए भी बड़े अहम हैं, यहां जानिए सैनिक स्कूल में पढ़ने के फायदे।

सैनिक स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ मिलिट्री ट्रेनिंग भी दी जाती है। मिलिट्री स्टडीज, ड्रिल एक्सरसाइज और फिजिकल ट्रेनिंग यहां के पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं। यह शिक्षा छात्रों को देश सेवा के लिए तैयार करती है।

छात्रों को अनुशासन, लीडरशिप और जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाया जाता है। इससे छात्रों में टीम वर्क, कठिन परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता और देशभक्ति जैसे गुण आते हैं।

सैनिक स्कूलों में शारीरिक फिटनेस पर बहुत ध्यान दिया जाता है। छात्रों को सुबह ड्रिल, खेल और ऑब्सटिकल कोर्स (बाधा दौड़) में भाग लेना होता है। इससे वे स्वस्थ तो रहते ही हैं।

सैनिक स्कूल स्टूडेंट्स में टीम वर्क, सहनशीलता और कठिन परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता जैसे गुण भी आते हैं. यह नियम छात्रों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है. सैनिक स्कूल ऐसे लीडर तैयार करते हैं जो किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम हों।

सैनिक स्कूल नेशनल कैडेट कोर (NCC) कार्यक्रम पर जोर देते हैं. NCC छात्रों को लीडरशिप क्वालिटी, सामाजिक जिम्मेदारी और देशभक्ति की भावना विकसित करने का अवसर देता है. NCC के पाठ्यक्रम में ड्रिल, परेड और कैंप जैसी गतिविधियां शामिल हैं। NCC कार्यक्रम में छात्रों को ट्रेकिंग (पहाड़ों पर पैदल चलना), पर्वतारोहण और सेलिंग (नौकायन) जैसी रोमांचक और साहसिक गतिविधियां का हिस्सा बनने का मौका मिलता है।

सैनिक स्कूलों में मिलिट्री जैसा अनुशासन होता है। यहां सुबह जल्दी उठने की दिनचर्या से लेकर यूनिफॉर्म तक हर चीज में अनुशासन का पालन किया जाता है। छात्रों को समय की पाबंदी, व्यवस्था और बारीकी पर ध्यान देना सिखाया जाता है। यह अनुशासन उन्हें जीवन में सफलता हासिल करने में बहुत मददगार होता है, चाहे वे सेना में जाएं या किसी और क्षेत्र में।

सैनिक स्कूलों में साहसिक गतिविधियां छात्रों के चरित्र को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इससे उनमें पक्का इरादा और आत्मनिर्भरता की भावना भी पैदा होती है। यह गतिविधियां छात्रों को अपनी कंफर्ट जोन से बाहर निकलने और चुनौतियों का सामना करने का मौका देती हैं। इससे छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ता है और वे टीम वर्क और लीडरशिप का महत्व भी सीखते हैं।

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