दैनिक हाथोर समाचार ,सूरजपुर।जिले की शासकीय शराब दुकान में नकली शराब की बिक्री का बड़ा खुलासा हुआ है। भटगांव पुलिस ने छापेमारी कर दुकान से रॉयल स्टेज, नंबर वन और ब्लेंडर ब्रांड की कुल 49 नकली शराब की बोतलें जब्त की हैं। कार्रवाई के तुरंत बाद आबकारी विभाग को सूचित किया गया, जिसके बाद विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जांच में पाया गया कि जब्त शराब में भारी मात्रा में मिलावट की गई थी।


इस खुलासे के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। जानकारी फैलते ही बड़ी संख्या में शराब उपभोक्ता दुकान पर जमा हो गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले कई महीनों से ब्रांडेड शराब की बोतलें उन्हें संदिग्ध लग रही थीं। अब नकली शराब मिलने के बाद उनकी शंका सच साबित हो गई है। लोगों का आरोप है कि सेल्स ठेकेदारों द्वारा कर्मचारियों पर दबाव बनाकर यह घिनौना खेल कराया जा रहा था।

सूत्रों का बड़ा दावा: आबकारी विभाग की मिलीभगत
सूत्रों के अनुसार, आबकारी विभाग के अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी शराब दुकानों में नकली शराब बेची जा रही है। शिकायत करने पर भी अधिकारी फोन नहीं उठाते। जिले में पूर्व में सरगुजा उड़नदस्ता ने कई बार कार्रवाई की है, लेकिन जिले के आबकारी अधिकारी केवल ग्रामीणों पर कार्रवाई कर खानापूर्ति कर रहे हैं।

ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस को मुखबिर से जानकारी मिली कि दुकान के भीतर अलग-अलग स्थानों पर नकली शराब की चार पेटियां छुपाकर रखी गई हैं। सूचना के आधार पर पुलिस ने छापा मारा, जहां पत्रकार भी पहुंचे। पुलिस ने बोतलों के QR कोड स्कैन किए, जिसमें बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। ब्लेंडर की एक बोतल में 750 ml की गोवा की शराब मशीन द्वारा बताई गई , इसी तरह अन्य ब्रांड की स्कैनिंग में कुल 49 बोतलों को नकली शराब पाया गया।

सुपरवाइजर का गंभीर आरोप
शराब दुकान के सुपरवाइजर अनिकेश गुप्ता ने बताया कि ऑल सर्विस ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सूरजपुर प्रतिनिधि अनूप गुप्ता ने उसे अपने घर बुलाकर नकली शराब बेचने के लिए दबाव डाला। मना करने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी गई। नकली शराब की सप्लाई मुकेश गुप्ता नामक व्यक्ति द्वारा की जाती थी, जो सफारी वाहन से शराब पहुंचाता था।
सफारी वाला मुकेश सांसद प्रतिनिधि
सूत्रों के अनुसार, मुकेश गुप्ता गांव के स्कूल में सांसद प्रतिनिधि भी हैं। इस वजह से वह सरकारी दुकान में बिना किसी डर के ब्लैक शीशा वाली सफारी से शराब पहुंचाता था। उसकी ऊंची पहुंच के कारण स्थानीय प्रशासन और अधिकारी कार्रवाई से कतरा रहे थे।
जांच में भी घपला?
करीब छह घंटे की जांच के बाद आबकारी विभाग ने कंपनी प्रतिनिधि अनूप गुप्ता से बंद कमरे में बात की और फिर दुकान में कार्यरत आरोपी सुपरवाइजर सहित तीन निर्दोष कर्मचारियों पर कार्रवाई कर दी। इससे नाराज स्थानीय युवाओं ने जमकर विरोध किया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। युवाओं का आरोप था कि आबकारी अधिकारी अनूप गुप्ता को बचाने में लगे हैं और केवल छोटे कर्मचारियों पर शिकंजा कस रहे हैं।
जिले की अन्य दुकानें भी संदेह के घेरे में
नगर पंचायत जरही की सरकारी शराब दुकान में नकली शराब मिलने से जिले की 11 शासकीय शराब दुकानों की निगरानी पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। जिले की सभी दुकानों का संचालन ऑल सर्विस ग्लोबल कंपनी के पास है। ऐसे में आशंका है कि नकली शराब का जाल पूरे जिले में फैला हुआ है, जिससे लोगों की सेहत के साथ गंभीर खिलवाड़ हो रहा है।
ग्राम पंचायत दुरती बना ‘मिलावट हब
सूत्रों के अनुसार, नकली शराब का पूरा खेल ग्राम पंचायत दुरती में संचालित हो रहा है। यहां कंपनी के प्रतिनिधी के रिश्तेदारों के घरों में ब्रांडेड बोतलों में मिलावट की जाती है। झोले में रखे नकली ढक्कनों ने इस बात की पुख्ता सबूत भी है ।
क्या सिर्फ खानापूर्ति तक सिमट जाएगी कार्रवाई
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आबकारी विभाग इस गंभीर प्रकरण में सिर्फ छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर खानापूर्ति करेगा या असली दोषियों – कंपनी प्रतिनिधियों और राजनीतिक पहुंच वाले तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे?
यदि प्रशासन सख्ती नहीं दिखाता, तो जिले में शराब माफिया और अधिक बेलगाम होते जाएंगे और आम लोगों की जान से यह खिलवाड़ यूं ही जारी रहेगा।