हाथोर समाचार, सरगुजा।
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण और मानव तस्करी के एक मामले में दो ननों समेत पांच लोगों पर दर्ज एफआईआर के विरोध में मंगलवार को सरगुजा जिले के अंबिकापुर शहर में ईसाई समुदाय द्वारा शांतिपूर्ण मौन रैली निकाली गई। हजारों की संख्या में शामिल लोगों ने नवापारा चौक से कलेक्ट्रेट कार्यालय तक पैदल मार्च किया और राष्ट्रपति तथा राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि ईसाई समुदाय को लगातार बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि दुर्ग में दो ननों और तीन अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर बेवजह और अपमानजनक थी, जबकि इन लोगों ने किसी प्रकार का कोई अपराध नहीं किया था।
ईसाई समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि देश के निर्माण और विकास में उनका भी उतना ही योगदान है जितना किसी अन्य समुदाय का। उन्होंने सवाल उठाया कि जब शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के लिए मिशन स्कूल और मिशन अस्पतालों की आवश्यकता होती है, तब सेवा स्वीकार की जाती है, लेकिन सेवा देने वालों को शक की नजरों से देखा जाता है। इसे दोहरा मापदंड बताते हुए उन्होंने इस मानसिकता के विरोध में यह मौन रैली आयोजित की।
रैली पूरी तरह शांतिपूर्ण रही और प्रशासन ने भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति और राज्यपाल से मांग की गई है कि इस तरह के मामलों की निष्पक्ष जांच हो और ईसाई समुदाय के खिलाफ हो रहे भेदभाव पर रोक लगाई जाए।