प्रतापपुर।।छोटे पांव मजबूत कदम ने शनिवार को कई सरकारी स्कूलों के बच्चों को छातों का वितरण किया।बारिश के दिनों में जरूरतमंद बच्चों का स्कूल न छूटे,इस उद्देश्य से छाते गोयल टीएमटी सहित अन्य के सहयोग से वितरित किए गए।


गौरतलब है कि 2019 से कई तरह के सामाजिक और रचनात्मक काम कर रही प्रतापपुर की संस्था छोटे पांव मजबूत कदम पिछले चार वर्षों से छातों का वितरण कर रही है।छाते सरकारी स्कूलों के जरूरतमंद बच्चों को दिए जाते हैं ताकि बारिश के दिनों में किसी का स्कूल न छूटे।शैक्षणिक सत्र 2025 में छातों के वितरण की शुरुआत शनिवार को बालक स्कूल,ब्लॉक कॉलोनी स्कूल तथा कैराडांड के प्राथमिक शाला से हुई।इस दौरान उपस्थित विकासखंड शिक्षा अधिकारी एमएस धुर्वे ने कहा कि छोटे पांव मजबूत कदम छाता वितरण की एक नई सोच लेकर आया था और चार साल पहले शायद इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।इस काम की जितनी सराहना हो उतनी कम है।निश्चित तौर पर इसका फायदा सरकारी स्कूलों में दिखा है और अब बारिश के दिनों में भी बच्चे स्कूलों में दिखते हैं।सहायक खंड शिक्षा अधिकारी साइमन तिर्की ने कहा कि यह संस्था प्रतापपुर क्षेत्र में बड़ी संख्या में छाते बांट चुकी है,दूसरे ब्लॉक में भी वितरण किया है।हम सबको इस काम में आगे आकर सहयोग करना चाहिए ताकि बच्चों को स्कूल जाने में मदद मिल सके। बीपीओ राकेश मोहन मिश्रा ने कहा कि संस्था के साथ मैं शुरू से जुड़ा हूं और नई सोच तथा नए काम गौरांवित करते हैं।छाते पाने के बाद बच्चों के चेहरों में खुशी थी और नियमित स्कूल आने का संकल्प लिया। इस दौरान गोयल टीएमटी के विक्रेता व अग्रवाल इंटरप्राइजेज के अंकुर बंसल,बीआरसी रमेश शरण सिंह,प्रधानपाठक कोड़ाकूपारा धर्मपाल सिंह,प्रधानपाठक कैराडांड भूपेश तिवारी,पत्रकार दीपक चंद मित्तल,जन शिक्षक उज्जैन यादव, शिक्षकों में रामकुमारी सिंह, कीर्ति किरण मिंज, श्रवण कुमार, विनोद जायसवाल, फूलबसिया पैकरा, राम भगत राम,अर्जुन सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।
छाता वितरण का दिखता है फायदा…
छोटे पांव मजबूत कदम के संयोजक राकेश मित्तल ने बताया कि जरूरतमंद बच्चों को छातों के वितरण की शुरुआत चार साल पहले उस समय हुई थी जब सड़क के किनारे दो गरीब बच्चे छातों के अभाव में भींगते दिखे थे।तब से अब तक हजारों छातों का वितरण हो चुका है और इसका फायदा भी दिख रहा है।छातों के अभाव में खासकर गांवों के बच्चे बारिश के दौरान स्कूल नहीं जाते थे लेकिन अब जिनके हाथ में छाते हैं,वे जरूर स्कूल जाते हैं,अब उनकी पढ़ाई भी नहीं छूटती है स्कूलों में उपस्थिति बढ़ गई है।उन्होंने बताया कि छाते वितरण के लिए जनसहयोग मिलता है और गोयल टीएमटी जैसी कंपनी भी पर्याप्त छाते उपलब्ध करा रही है।इस वर्ष भी ज्यादा से ज्यादा छातों के वितरण का लक्ष्य है।