दैनिक हाथोर समाचार ,प्रतापपुर।
मां महामाया शक्कर कारखाना के बाहर सोमवार को गन्ना किसानों ने बकाया भुगतान की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। किसानों के साथ बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। आंदोलन की अगुवाई जिला पंचायत सदस्य सुरेश आयाम ने की, वहीं पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, कारखाना के पूर्व अध्यक्ष विद्यासागर सिंह और पूर्व डीडीसी पंकज तिवारी विशेष रूप से मौजूद रहे।

धरना प्रदर्शन के दौरान किसानों ने हाथों में ताले लेकर कारखाना परिसर में घुसने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने बैरिकेटिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। इस बीच कारखाना प्रबंधन ने किसानों को आश्वासन दिया कि शक्कर टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद शीघ्र ही बकाया भुगतान कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि कारखाना पर किसानों का लगभग 40 करोड़ रुपये का बकाया है। किसानों का कहना है कि वे गन्ना बेच चुके हैं लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी उन्हें भुगतान नहीं मिल पाया। इसी कारण तालाबंदी की चेतावनी के साथ आज प्रदर्शन किया गया था।
धरना स्थल पर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि “किसान अपने ही पैसे के लिए धूप में खड़े होकर आंदोलन कर रहे हैं और सरकार सो रही है। डबल इंजन की सरकार किसानों की आय दुगुनी करने की बात करती थी, लेकिन आज किसान भूखे मरने की कगार पर हैं।”
सुरेश आयाम ने कहा कि पिछले बार आवेदन देने के बाद आंशिक भुगतान हुआ था, लेकिन अब भी करोड़ों रुपये अटके हैं। संभाग से मुख्यमंत्री और कई मंत्री होने के बावजूद यहां के किसान उपेक्षित हैं। उन्होंने कहा कि “हम सड़क पर उतरकर किसानों को उनका हक दिलाएंगे।”
पूर्व डीडीसी पंकज तिवारी ने किसानों की हालत को दुखद बताते हुए कहा कि अन्नदाता को अपने गन्ने के पैसे के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि “किसानों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और हम उनकी लड़ाई हर स्तर पर लड़ेंगे।”
धरना को अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया और उसके बाद आंदोलनकारी ताले लेकर कारखाना की ओर बढ़े। पुलिस ने उन्हें रोकने कड़ी व्यवस्था की थी और बैरिकेटिंग लगाई गई थी। हालांकि किसानों ने बैरिकेटिंग तोड़ने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। अंततः प्रबंधन के आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त हुआ।
इधर, किसानों ने सरकार की गन्ना विक्री नीति पर भी सवाल उठाए। सुरेश आयाम ने कहा कि नान को उधारी में गन्ना देना बंद किया जाए और यदि दिया भी जाए तो नगद भुगतान सुनिश्चित हो। उन्होंने हाईकोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए खुले बाजार में गन्ना बेचने और सही मूल्य दिलाने की मांग भी की।