बिट्टू सिहं राजपूत ,सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के खड़गांव चौकी क्षेत्र के केरता जगरनाथपुर गांव में बीते शुक्रवार को हुए दिल दहला देने वाले हत्याकांड ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। इस जघन्य घटना में पत्रकार के माता-पिता और भाई की निर्मम हत्या कर दी गई थी।
पुलिस ने मृतकों के परिजनों की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 23 आरोपियों को देर रात विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया है।खबर लिखे जाने तक आरोपियों की एमएलसी कराने में जुटी हुई थी। पुलिस का कहना है कि इस मामले में और भी आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है।
क्या था पूरा मामला?
घटना शुक्रवार दोपहर करीब 1 बजे की है। 60 वर्षीय माघे टोप्पो अपनी पत्नी बसंती टोप्पो (53) और बेटे नरेश टोप्पो (31) के साथ खेत की जुताई कराने ट्रैक्टर से पहुंचे थे। इसी दौरान राजकुमार टोप्पो, मंधारी टोप्पो, रामधनी टोप्पो, बिहारी टोप्पो सहित अन्य लोग कुल्हाड़ी, कुदाल और डंडों से लैस होकर वहां पहुंचे। उन्होंने माघे टोप्पो और उनके परिवार पर बेरहमी से हमला कर दिया।

हमले में बसंती और नरेश की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि माघे टोप्पो ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। परिवार का एक सदस्य किसी तरह जान बचाकर भागने में सफल रहा।

घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें 30-40 लोगों का एक समूह खेत में लोगों पर हमला करता दिख रहा है। पुलिस ने इस वीडियो को सबूत के तौर पर इस्तेमाल कर 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में कई महिलाएं भी शामिल हैं।
जमीन विवाद की पुरानी रंजिश
जानकारी के मुताबिक, घटना की वजह 7.5 एकड़ जमीन को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद था। मृतक परिवार ने कोर्ट में यह मामला जीतने के बाद खेत की जुताई शुरू की थी। आरोपी पक्ष इस फैसले से नाराज था, जिसके चलते इस खौफनाक घटना को अंजाम दिया गया।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
इस नृशंस हत्या के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने समय पर सुरक्षा प्रदान की होती, तो शायद इस घटना को टाला जा सकता था। अब देखना होगा कि तीन लोगों की बेरहम हत्या के बाद जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होती है।