बिट्टू सिहं राजपूत ,सूरजपुर । सूरजपुर जिला सत्र न्यायालय ने एक जगह ने अपराध के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आरोपी को दोहरी आजीवन कारावास की सजा सुनाई है ।यह मामला रामानुजनगर थाना क्षेत्र में 2 वर्ष पूर्व घटित हुआ था। जिसमें आरोपी ने एक नाबालिक लड़की के साथ बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी।
मामले का संक्षिप्त विवरण
घटना रात का रात्रिकाल की है, जब आरोपी ने पीड़िता को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया । उसने नाबालिग के साथ बलात्कार किया और फिर साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से उसे खेत में बने कुएं फेंक कर उसकी हत्या कर दी। मामला तब प्रकाश में आया जब परिवार ने बच्ची की गुमसुदगी की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मामले में गहन जांच करते हुए आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 363 , 366 ,376, 302 ,201 और पॉस्को एक्ट की धारा-6 के तहत मामला दर्ज किया ,और आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया।
मामले की सुनवाई जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश आनंद प्रकाश वरियाल की अदालत में हुई । सरकार की ओर से विशेष लोग अभियोजक नरेश कुमार कौशिक ने मामले की पैरवी की, ठोस सबूत और गवाहों के बयानों के आधार पर आरोपी को दोषी कर दिया गया। अदालत ने आरोपी को दोहरी आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जिससे यह स्पष्ट होता है कि समाज में ऐसे अपराधों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं बरती जाएगी।
कानूनी जागरूकता का महत्व
सूरजपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस मामले के माध्यम से आम जनता को जागरूक करने का संकल्प लिया है। प्राधिकरण के अध्यक्ष गोविंद नारायण जांगड़े ने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण नियमित रूप से जागरूकता शिविर आयोजित करता है।
इन शिवरों में पोक्सो एक्ट बाल विवाह निषेध अधिनियम और अन्य कानून की जानकारी दी जाती है । पोक्सो एक्ट के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ शारीरिक संबंध या छेड़छाड़ एक गंभीर अपराध है। यहां तक कि यदि लड़की आरोपी की पत्नी भी हो ,तो भी यह कानून का उल्लंघन माना जाएगा । इसके साथ ही 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियां 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी करना या उसमें शामिल होना भी दंडनीय अपराध है।
वही आज की फैंसले ने यह संदेश दिया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। नाबालिको के साथ अपराध करने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी। यह फैसला समाज को अपराध के प्रति जागरूक करने और न्याय की स्थापना में एक मील का पत्थर साबित होगा ।