अंबिकापुर सेंट्रल जेल में हाई-प्रोफाइल कैदियों की रंगीन दुनिया उजागर, बैरक से मोबाइल और गांजा जब्त

बिट्टू सिंह राजपूत ,अंबिकापुर। सेंट्रल जेल में एक बार फिर से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। जेल की उच्च सुरक्षा बैरक में कुख्यात अपराधी कुलदीप साहू और दीपक नेपाली को मोबाइल और गांजे के साथ पकड़ा गया है। यह वही कुलदीप साहू है, जिसने सूरजपुर में हेड कॉन्स्टेबल की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी थी। उसने पुलिसकर्मियों पर गाड़ी चढ़ाने और खौलता तेल डालकर जलाने की भी वारदात को अंजाम दिया था।

वहीं, दीपक नेपाली दुर्ग का कुख्यात बदमाश है, जो महादेव सट्टा एप से जुड़े मामलों में चर्चा में आया था। इस घटना के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया, और लापरवाही के आरोप में चार जेल प्रहरियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।

टॉयलेट सीट में छिपा था मोबाइल और गांजा

मिली जानकारी के अनुसार, 17 मार्च को जेल प्रहरियों को उच्च सुरक्षा बैरक में संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिली थी। इसके बाद बैरक की गहन तलाशी ली गई, जिसमें टॉयलेट सीट में छिपाकर रखा गया एक मोबाइल फोन और गांजा बरामद हुआ। यह बैरक उन अपराधियों के लिए बनी है, जिन्हें विशेष निगरानी में रखा जाता है, लेकिन इस तरह की घटना से जेल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।

कलेक्टर और एसपी ने जेल में की जांच

घटना के बाद शुक्रवार को सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर और एसपी योगेश पटेल जेल पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की। एसपी योगेश पटेल ने बताया कि जेल में इस तरह की आपत्तिजनक वस्तुएं कैसे पहुंचीं, इसकी जांच की जा रही है। इस मामले में किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

कैसे पहुंचा अपराधियों तक अय्याशी का सामान?

यह सबसे बड़ा सवाल है कि उच्च सुरक्षा बैरक में अपराधियों तक मोबाइल और गांजा कैसे पहुंचा। जेल अधीक्षक योगेश सिंह ने बताया कि यह संभव है कि मुलाकातियों के माध्यम से या जेल के किसी कर्मी की मदद से यह सामान अंदर पहुंचाया गया हो। इसके अलावा, पेशी के दौरान भी कैदियों तक इस तरह का सामान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।

चार जेल प्रहरी सस्पेंड

घटना के बाद जेल प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए चार जेल प्रहरियों को सस्पेंड कर दिया। इनमें भूपेंद्र सिंह अयाम, नरेंद्र वर्मा और अरुण कश्यप शामिल हैं। इन पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप लगे हैं। मामले की जांच जारी है, और जल्द ही अन्य दोषियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

कौन है कुलदीप साहू?

कुलदीप साहू का नाम पहली बार तब सुर्खियों में आया जब उसने सूरजपुर में हेड कॉन्स्टेबल की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस जघन्य अपराध के बाद पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया था। गुस्साए लोगों ने उसके घर में आग लगा दी थी और पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे। आरोपी को झारखंड से अंबिकापुर आते समय बलरामपुर में गिरफ्तार किया गया था और बाद में सुरक्षा कारणों से अंबिकापुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया।

कौन है दीपक नेपाली?

दीपक नेपाली दुर्ग का कुख्यात अपराधी है, जिसका नाम कई आपराधिक मामलों में दर्ज है। हाल ही में वह महादेव सट्टा एप से जुड़ी गतिविधियों के चलते चर्चा में आया था। कोर्ट के आदेश के बाद उसे अंबिकापुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया है।

जेल प्रशासन पर उठे सवाल

यह कोई पहली बार नहीं है जब अंबिकापुर सेंट्रल जेल में इस तरह की घटना सामने आई हो। पहले भी जेल में बंद अपराधियों को विशेष सुविधाएं मिलने की खबरें आती रही हैं। इस बार फिर से मोबाइल और गांजा मिलने के बाद जेल प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे और कौन-कौन दोषी पाया जाता है और क्या जेल प्रशासन इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने में सफल हो पाएगा।

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