इस जिले में जलसंकट और अस्पतालों में असुविधा पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने बिलासपुर जिले में जल संकट, शहर में जलभराव की समस्या और सफाई व्यवस्था को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मीडिया रिपोर्ट को जनहित याचिका माना है। जिसमें राजधानी रायपुर के डीकेएस और अंबेडकर अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर भी स्वत: संज्ञान लिया है। दोनों मामलों में डिवीजन बेंच ने नगर निगम आयुक्त और अस्पताल के डीन को शपथपत्र के साथ जवाब मांगा है। केस की अगली सुनवाई 22 मई को होगी।

दरअसल, भीषण गर्मी में बिलासपुर जिले में पेयजल की समस्या हो रही है। स्थिति यह है कि पूरे जिले में पीने के पानी को लेकर लोग परेशान हैं। शहर में पाइपलाइन खराब है, जिसके चलते घरों में गंदा और बदबूदार पानी पहुंच रहा है। शहर के कई मोहल्लों में टैंकर से पानी की सप्लाई की जा रही है, जिसके चलते पीने के पानी के लिए मारामारी की स्थिति बन रही है। वहीं, गांवों में पानी की टंकी और पाइपलाइन तो बिछी है, लेकिन पानी नहीं आ रहा। पीएचई विभाग के पास उन गांवों की सूची तक नहीं है, जहां पानी की किल्लत है। वहीं, नगर निगम हर साल बारिश से पहले और बाद में नालों की सफाई करवाता है। दावा किया गया कि सभी 8 जोनों में रोस्टर बनाकर नालों की सफाई की जा रही है। निगम का कहना है कि इस बार जलभराव नहीं होगा। लेकिन, हकीकत यह है कि शहर के कई इलाकों में बारिश के दौरान जलभराव हो जाता है। इससे लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी होती है।

बड़े नालों की सफाई अब तक शुरू नहीं हुई है। मीडिया में जल संकट, जलभराव और सफाई की अव्यवस्था को लेकर आई खबरों को हाईकोर्ट ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच ने मामले में नगर निगम आयुक्त को शपथपत्र के साथ अगली सुनवाई से पहले जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा है।

हाईकोर्ट ने राजधानी रायपुर के डीकेएस हॉस्पिटल और अंबेडकर अस्पताल की अव्यवस्था को भी संज्ञान में लिया है। अस्पताल में मरीजों के साथ आए परिजन खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं, जैसी खबरों को हाईकोर्ट ने जनहित याचिका माना है। खबर के अनुसार भीषण गर्मी में अस्पताल के पार्किंग क्षेत्र, खुले स्थान और बरामदे में बिना पंखे-कूलर के रह रहे हैं। अस्पताल का यूटिलिटी एरिया कई सालों से बंद है। जिसकी वजह से मरीजों और परिजन को परेशानियां हो रही है।

मरीजों के साथ आने वाले परिजनों को खुले आसमान के नीचे रहना पड़ रहा है। यहां पंखा- कूलर के बगैर उन्हें दिन गुजारना पड़ रहा है। मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डिवीजन बेंच ने इस पर संज्ञान लेते हुए अंबेडकर अस्पताल के डीन और डीकेएस अस्पताल अधीक्षक से शपथ पत्र मांगा है। इस मामले की सुनवाई जुलाई में होगी।

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