दूरस्थ अंचलों में पहुंची शिक्षा की किरण, युक्तियुक्तकरण नीति बनी उम्मीद की रोशनी

बिट्टू सिहं राजपूत ,सूरजपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था में सुधार के उद्देश्य से लागू की गई युक्तियुक्तकरण योजना अब जमीनी स्तर पर असर दिखाने लगी है। जहां एक ओर कुछ शिक्षक संगठनों ने इस नीति का विरोध करते हुए लापरवाही के आरोप लगाए थे, वहीं अब जिले के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

वर्षों से शिक्षक अभाव से जूझ रहे कई प्राथमिक विद्यालयों में अब शिक्षक पदस्थ किए जा चुके हैं, जिससे ग्रामीणों में उत्साह का माहौल है। लोगों ने कहा कि अगर यह नीति पहले लागू होती, तो उनके बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर पाते और कई पिछड़े हुए बच्चों का भविष्य भी संवर सकता था।

विशेष रूप से प्रेमनगर विकासखंड के कई स्कूलों में शिक्षकों की नई पदस्थापना ने ग्रामीणों के बीच नई आशा जगा दी है।
नीति के तहत निम्नलिखित विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है:

प्राथमिक शाला कांदाबाड़ी (ग्राम पंचायत दुर्गापुर) – 2 शिक्षक

प्राथमिक शाला पीपरडांड (नवापाराकला) – 2 शिक्षक

प्राथमिक शाला सोहरगड़ई (रामेश्वरनगर) – 2 शिक्षक

प्राथमिक शाला भण्डारपारा (चंदननगर) – 2 शिक्षक

  • प्राथमिक शाला घोघरापारा (कंचनपुर) – 2 शिक्षक
    प्राथमिक शाला कन्या आश्रम (नगर पंचायत प्रेमनगर) – 2 शिक्षक

इस प्रकार केवल प्रेमनगर ब्लॉक के इन प्राथमिक शालाओं में कुल 12 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। ये वे क्षेत्र हैं जहां आज तक शिक्षा का समुचित विस्तार नहीं हो पाया था और कई बच्चे गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई से वंचित रह जाते थे।

ग्रामीणों ने सरकार के इस प्रयास की खुले दिल से सराहना की है। उनका कहना है कि यह नीति न केवल शिक्षा बल्कि ग्रामीण विकास का मार्ग भी प्रशस्त करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिले के अन्य ब्लॉकों के दूरस्थ अंचलों में भी इसी तरह पहल हो, ताकि समूचे सूरजपुर जिले में शिक्षा का उजियारा फैले। सरकार की यह पहल निश्चित रूप से ग्रामीण शिक्षा के भविष्य को संवारने वाली साबित हो रही है, और युक्तियुक्तकरण योजना अब महज सरकारी कागजों की नीति नहीं बल्कि धरातल पर दिखाई देने वाला बदलाव बन चुकी है।

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