बिट्टू सिहं राजपूत ,सूरजपुर। प्रतापपुर में शुक्रवार को आयोजित शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम विवादों के घेरे में रहा। एक तरफ जहां भाजपा के दो गुटों के बीच खींचतान के चलते जनप्रतिनिधियों को उचित सम्मान नहीं मिलने की चर्चा जोरों पर रही, वहीं दूसरी तरफ कार्यक्रम समापन के बाद सोशल मीडिया पर बीपीओ राकेश मोहन मिश्रा और जन शिक्षकों के बीच गाली-गलौज का वीडियो वायरल होने से हंगामा मच गया। शिक्षकों ने बीपीओ के खिलाफ विधायक से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। बहरहाल इस पूरे मामले ने स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षकों ने विधायक से मुलाकात कर बीपीओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, साथ ही स्कूलों के मर्जर से उत्पन्न समस्याओं के समाधान की अपील की है। दूसरी ओर, वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं उकसाई हैं, जिससे प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। उक्त जानकारी सार्वजनिक होने पर स्थानीय रहवासियों और शिक्षकों की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था को सुचारू करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय की भूमिका और बीपीओ के कार्यकलापों पर भी प्रशासन को स्पष्टता लाने की जरूरत है।

वायरल वीडियो से शिक्षकों में रोष
वायरल वीडियो में बीपीओ राकेश मोहन मिश्रा द्वारा जन शिक्षकों के साथ अभद्र भाषा का उपयोग करने का दावा किया गया है। शिक्षकों का कहना है कि बीपीओ का व्यवहार अपमानजनक था, जिससे उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। गुस्साए शिक्षकों ने इसकी शिकायत स्थानीय विधायक से की और कठोर कार्रवाई की मांग उठाई। शिक्षकों का आरोप है कि बीपीओ का रवैया लंबे समय से आपत्तिजनक रहा है, और इस घटना ने स्थिति को और गंभीर कर दिया।
साक्षर भारत कार्यक्रम बंद, बीपीओ की भूमिका पर सवाल
अपुष्ट सूत्रों के अनुसार, साक्षर भारत कार्यक्रम को बंद हुए लगभग पांच साल से अधिक समय हो चुका है। इसके बावजूद बीपीओ राकेश मोहन मिश्रा, जिनका मूल पद प्रतापपुर के पकनी माध्यमिक शाला में प्रधान पाठक का है, विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अधिक समय बिताते हैं। सूत्रों का दावा है कि विकासखंड परियोजना अधिकारी के पद का वर्तमान में कोई कार्य नहीं है, फिर भी बीपीओ की सक्रियता कार्यालय में बनी रहती है।