दारू और लॉटरी के भरोसे चल रहा भारत का ये स्टेट, यहां आज तक नहीं बनी भाजपा की सरकार

उत्तर प्रदेश सरकार की कमाई का बड़ा हिस्सा कृषि से आता है. पश्चिम बंगाल मैन्युफैक्चरिंग से लगभग 40 फीसदी रेवेन्यू हासिल करता है. इसी तरह बाकी स्टेटस भी अलग-अलग जगहों से रेवेन्यू हासिल करते हैं. इसी बीच खबर आई है कि केरल में लगभग 25 फीसदी रिवेन्यू शराब और लॉटरी की सेल से होता है. हालांकि यह केरल का सबसे बड़ा रेवेन्यू स्रोत नहीं है. केरल का सबसे बड़ा रेवेन्यू स्रोत रेमिटेंस है, जिससे कि राज्य को 30 फीसदी का रेवेन्यू प्राप्त होता है. रेमिटेंस का मतलब है कि यहां के लोग विदेश जाकर काम करते हैं और वापस राज्य में पैसा भेजते हैं. यदि रेमिटेंस को हटा दिया जाए तो उसके बाद शराब और लॉटरी की सेल से राज्य को कुल रेवेन्यू का एक-चौथाई हिस्सा दारू और लॉटरी की सेल से मिलता है.टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक, केरल में शराब और लॉटरी टिकट की सेल ने वित्त वर्ष 2023-24 में राज्य के दो मुख्य रेवेन्यू स्रोतों के रूप में कुल 31,618.12 करोड़ रुपये का योगदान दिया है, जो राज्य की कुल आय का लगभग एक-चौथाई है. शराब की सेल से रेवेन्यू 19,088.86 करोड़ रुपये था, जो दो मुख्य स्रोतों में से बड़ा है. लॉटरी टिकट की सेल से आय 12,529.26 करोड़ रुपये दर्ज की गई थी. ये आंकड़े मिलकर राज्य की कुल आय का लगभग 25.4% हिस्सा हैं. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि केरल का काम शराबियों और लॉटरीबाजों के खर्च किए पैसे से चलता है.यहां भारतीय जनता पार्टी एक बार भी सरकार नहीं बना पाई है. भाजपा का जिक्र इसलिए किया जा रहा है क्योंकि गुजरात में लम्बे समय से भाजपा की सरकार है और वहां शराब पर पूरी तरह से बैन है. गुजरात एक ड्राई स्टेट कहा जाता है.

दोनों की सेल 20,000 करोड़ तक
केरल में शराब की सेल वित्त वर्ष 2023-24 में 19,088.68 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 18,510.98 करोड़ रुपये से अधिक है. यह आंकड़ा राज्य की आर्थिक स्थिति को दर्शाता है और यह दिखाता है कि शराब की सेल राज्य के रेवेन्यू में महत्वपूर्ण योगदान करती है.

लॉटरी टिकट की सेल से होने वाली आय भी राज्य के रेवेन्यू में महत्वपूर्ण योगदान करती है. हालांकि, अनक्लेम्ड लॉटरी पुरस्कारों के बारे में चिंताएं हैं, जिसमें सरकार यह साफ नहीं कर सकती है कि इस स्रोत से कितना रेवेन्यू उत्पन्न हुआ है. केंद्रीय लॉटरी नियम 2010 के अनुसार, सरकार को उन लॉटरी से प्राप्त धन के रिकॉर्ड तैयार करने या बनाए रखने की आवश्यकता नहीं है, जहां पुरस्कार जीते गए, लेकिन दावा नहीं किया गया है. इसी वजह से अनक्लेम्ड इनामों से एकत्र की गई राशि अज्ञात रहती है.

बाकी राज्यों के मुख्य स्रोत कौन से?
भारत के विभिन्न राज्यों की आय के स्रोतों की बात भी कर ही लेते हैं. उत्तर प्रदेश, पंजाब, और हरियाणा जैसे राज्यों में कृषि सबसे बड़ा आय स्रोत है, जो उनकी कुल आय का लगभग 35-40% हिस्सा है, जबकि गुजरात, महाराष्ट्र, और तमिलनाडु जैसे राज्यों में मैन्युफैक्चरिंग और सर्वेस क्षेत्र सबसे बड़े आय स्रोत हैं, जो उनकी कुल आय का लगभग 40-45% हिस्सा है. केरल और गोवा जैसे राज्यों में पर्यटन एक महत्वपूर्ण आय स्रोत है, जो उनकी कुल आय का लगभग 25-30% हिस्सा है, जबकि झारखंड, ओडिशा, और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में खनन एक प्रमुख आय स्रोत है, जो उनकी कुल आय का लगभग 30-35% हिस्सा है.

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