प्रतापपुर। खदान खुलने की बात को लेकर पहले से आक्रोशित ग्रामीणों का गुस्सा आज इस कदर बढ़ गया कि उन्होंने एसईसीएल के साथ राजस्व विभाग के अधिकारियों को घेर लिया।बात प्रतापपुर तहसील के ग्राम पंचायत मदननगर की है जहां कोयला खदान खुलनी है।सोमवार को एसईसीएल भटगांव के अधिकारी राजस्व विभाग तथा पुलिस बल के साथ यहां के अधिग्रहण से पहले सीमांकन के लिए पहुंचे थे।पुलिस कर्मियों ने सभी अधिकारियों को सुरक्षित ग्रामीणों के घेरे से बाहर निकाला।ग्रामीण एसईसीएल की मुआवजा नीति तथा प्रक्रिया से भी नाराज हैं।इस दौरान अंबिकापुर मुख्य मार्ग में काफी देर तक जाम की स्थिति भी बनी रही।
गौरतलब है कि प्रतापपुर और राजपुर तहसील के गांवों को मिलाकर मदननगर खुली खदान परियोजना स्वीकृत है तथा मुआवजा वितरण का काम शुरू हो चुका है।लगभग ग्रामीण खासकर मदननगर और कनकनगर में,इस खदान के विरोध में हैं और वे किसी भी कीमत में इसे खुलना नहीं देना चाहते।वे जमीन के बदले मुआवजा भी नहीं ले रहे हैं और उनमें इस बात को लेकर आक्रोश रहता है कि एसईसीएल और प्रशासन मिलकर जबरन उनकी जमीन लेना चाहता है तथा गुपचुप तरीके से सारी प्रक्रिया अपना रहा है।इस बीच एसईसीएल के अधिकारियों को सोमवार को प्रभावित गांवों का सीमांकन करने जाना था,इसके लिए वे पूरी तैयारी के साथ मदननगर पहुंचे थे।
जैसे ही सभी मदननगर की सीमा में पहुंचे और सीमांकन की तैयारी शुरू की,ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच विवाद शुरू हो गया और धीरे धीरे विवाद आक्रामक रूप लेने लगा।ग्रामीणों को समझाने का प्रयास करते रहे लेकिन वे किसी भी स्थिति में सीमांकन को तैयार नहीं हुए तथा अधिकारियों को घेर लिया।पुलिस ने स्थिति को संभाला और ग्रामीणों के घेरे से उन्हें बाहर निकाल सुरक्षित गाड़ी में बैठाया।इससे पहले काफी देर तक तनाव की स्थिति रही,अंबिकापुर मुख्य मार्ग जाम रहा।विवाद थमता न देख अधिकारियों को बिना सीमांकन के ही वापस लौटना पड़ा।

इस दौरान प्रशासन की ओर से एसडीएम ललिता भगत,तहसीलदार चंद्रशिला जायसवाल,एसडीओपी सौरव ऊईके, एस एस पैकरा, राजेश जोशी, नायब तहसीलदार मुकेश दास,थाना प्रभारी अमित कौशिक,चौकी प्रभारी योगेंद्र जायसवाल सहित अन्य उपस्थित थे।
जिन गाड़ियों से वापस गए अधिकारी कर्मचारी,पीछे भागते नजर आए ग्रामीण…
विवाद के बीच सभी अधिकारी कर्मचारी पुलिस की मदद से किसी तरह गाड़ियों तक पहुंचे थे और बिना सीमांकन के ही वापस जा रहे थे।बताया जा रहा है कि अधिकारियों के गाड़ियों में बैठने के बाद भी ग्रामीणों ने गाड़ियों का पीछा किया।
अधिकारी न घुस पाएं अंदर,कई जगहों पर थी ग्रामीणों की नाकेबंदी…
मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण अधिकारियों को सीमांकन के लिए गांवों के अंदर तक नहीं जाने देना चाहते थे।इसके लिए उन्होंने मदननगर में कई जगह नाकेबन्दी कर रखी थी जिधर से चौरा और कनकनगर जाया जा सकता है। अंबिकापुर मुख्यमार्ग से लगे मदननगर जाने घुसने वाले रास्ते पर भी ग्रामीण विरोध प्रदर्शन के लिए इकट्ठा थे।
हमने न दी जमीन दी,न लिया मुआवजा तो कैसे कर सकते हैं अधिग्रहण…
इस दौरान मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि वे गांवों में खदान खुलने का विरोध कर रहे हैं,यही कारण है कि उन्होंने अपनी जमीन देने सहमति नहीं दी है।उन्होंने मुआवजा भी नहीं लिया तो फिर एसईसीएल उनकी जमीनों का अधिग्रहण जैसे कर सकता है।
ग्रामीणों ने पूछा कहां है सीमांकन का आदेश,नहीं दिखा पाए एसईसीएल के अधिकारी….
सीमांकन करने आए अधिकारियों का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने एसईसीएल के अधिकारियों से पूछा कि वे किस आदेश के तहत जमीनों का सीमांकन करने आए हैं।अगर आदेश है तो उन्हें दिखाएं लेकिन एसईसीएल के अधिकारी ऐसा कोई आदेश नहीं दिखा पाए जिसके बाद ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ गया।
ड्रोन सर्वे के दौरान कनकनगर में भी हुआ था हमला…
आज मदननगर में हुई घटना पहली नहीं है जब अधिकारियों पर हमला हुआ हो,इससे पहले कनकनगर में भी इस तरह की घटना हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि करीब सोलह महीने पहले एसईसीएल के अधिकारी बाहर से आई एक टीम के साथ यहां ड्रोन सर्वे कर रहे थे।ग्रामीण इस बात से नाराज हो गए क्योंकि उनका आरोप था कि एसईसीएल मनमानी कर रहा है और उनकी सहमति के बिना ही सर्वे कर रहा है।ग्रामीणों ने सभी को घेर लिया था और मारपीट की बातें भी सामने आईं थीं,तब मौके पर पहुंचीं पुलिस ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला था।