पटना। मौसम के बदलते मिजाज ने राजधानी सहित सभी जिलों को हैरान कर रखा है। मंगलवार को पटना का न्यूनतम तापमान 13.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि 2021 में 24 दिसंबर को 8.0 डिग्री रहा था।मौसम विज्ञानी आशीष कुमार बताते हैं, बीते वर्षों की तुलना में इस बार पश्चिमी विक्षोभ का अभाव व बर्फीली पछुआ हवा में कमी आने से तापमान अपने सामान्य से अधिक बने होने के कारण दिसंबर में कड़ाके की ठंड नहीं पड़ी।
वहीं, जलवायु परिवर्तन के कारण भी देश के अधिसंख्य भागों में मौसम में विशेष रूप से बदलाव नहीं देखा गया। दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के स्कूल आफ अर्थ, बायोलाजिकल एंड एनवायर्नमेंटल साइंसेज (एसईबीईएस) के डीन प्रो. प्रधान पार्थ सारथी ने बताया कि प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की आवृत्ति इस बार कम रही।
इसके कारण उत्तरी पश्चिमी हवा का आना प्रदेश में कम हुआ, जिसकी वजह से प्रदेश के अन्य हिस्सों के अलावा गांगेय क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड व शीतलहर का अभाव है। बीते वर्षों की तुलना में इस बार तापमान भी सामान्य से पांच से छह डिग्री अधिक बना हुआ है।
वहीं, हिमालय की ओर से आने वाली सर्द हवाओं का प्रवाह कम होने से ज्यादा ठंड का असर नहीं दिख रहा। जलवायु परिवर्तन के कारण भी पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता में कमी आई है।
27-29 तक बिगड़ा रहेगा मौसम
प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के 40-72 घंटों के दौरान सक्रिय होने की संभावना है। इसके कारण 27-29 दिसंबर के बीच दक्षिण पश्चिम भागों के बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल दक्षिण मध्य भागों के पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय व जहानाबाद जिलों के कुछ हिस्सों में हल्की वर्षा की संभावना है।
इसके बाद तापमान में गिरावट आने के साथ ठंड में वृद्धि की संभावना है। बुधवार को पटना सहित अधिसंख्य भागों में सुबह के समय हल्के कोहरे का प्रभाव बना रहेगा। जबकि, उत्तर-पूर्व व दक्षिण पूर्व भागों के कुछ स्थानों पर घना कोहरे को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।पटना व आसपास इलाकों में बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। मंगलवार को राजधानी का न्यूनतम तापमान 13.0 डिग्री सेल्सियस व समस्तीपुर के पूसा में 6.8 डिग्री सेल्सियस प्रदेश का न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। 12 जिलों के न्यूनतम तापमान में गिरावट आने के साथ पटना सहित अन्य जिलों के तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।
रबी फसल को रास नहीं आ रहा मौसम
मौसम के बदलते स्वरूप का प्रभाव आम जन-जीवन के साथ फसलों पर भी पड़ रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर के कृषि मौसम विज्ञानी डा. वेद प्रकाश ने बताया कि दिसंबर में जितनी ठंड पड़नी चाहिए उतनी अभी तक नहीं पड़ी है।
न्यूनतम तापमान सामान्य तापमान से ऊपर चल रहा है, जो रबी की प्रमुख फसलों के लिए अच्छी बात नहीं है। हल्के से मध्यम स्तर का कोहरा कई फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।आलू, सरसों और मसूर। हल्की हवा एवं निचले क्षोभ मंडल स्तर में उच्च नमी के कारण बिहार के कई हिस्सों में घना कोहरा जारी रहने की संभावना है। लंबे समय तक के कोहरे के रहने से पालक, मूली, गाजर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। हवा में अत्यधिक नमी के कारण फसलों में फफूंद जनित रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
रबी फसल के लिए सात-आठ डिग्री बेहतर तापमान
- रबी फसलों के लिए सामान्य तापमान सात से आठ डिग्री अच्छा माना जाता है। तापमान अधिक होने पर फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- सर्दियों में तापमान सामान्य से अधिक होता है तो फसलों की वृद्धि कम हो जाती है। पौधे कमजोर हो जाते हैं। अचानक तापमान में वृद्धि से परागण प्रभावित होता है।
- इससे दाने बनने की प्रकिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगले एक सप्ताह के दौरान तापमान में कमी आने की संभावना है। ऐसे में फसलों के लिए रामबाण साबित होगा।