जब संसद को घेरने ट्रैक्टर से पहुंच गए हजारों किसान, टैक्स से जुड़ी है मांग, जानिए कहां हुआ यह प्रदर्शन

भारत में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर पंजाब-हरियाणा के किसान सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए है. देश की राजधानी को जोड़ने वाली सड़कों के बॉर्डर पर किसानों का एक बड़ा जत्था बैठा हुआ है, किसानों की दिल्ली कूच की तैयारी है. लेकिन, एक देश अन्य देश में किसान सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं.इनहेरिटेंस टैक्स
बुधवार को लंदन की चमचमाती और शनदार स्ट्रीट वाली सड़कों पर अचानक ट्रैक्टर दौड़ने लगी, तो आसपास के लोग हैरान रह गए. किसान कृषि परिवारों को ‘विरासत कर’ (इनहेरिटेंस टैक्स) में शामिल करने का विरोध कर रहे थे. क्रिटिक्स सरकार के इस कदम को ट्रैक्टर टैक्स बना दिया हैरास्तों को बंद कर दिया
बुधवार को सेंट्रल लंदन की सड़कों पर किसान अपने ट्रैक्टर लेकर पहुंच गए, रास्तों को बंद कर दिया, सरकार के किसान परिवार को इनहेरिटेंस टैक्स में शामिल करने का विरोध करवाया है. किसान इस टैक्स से छूट की मांग कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि इससे पारिवारिक खेत नष्ट हो जाएंगे. खाद्य उत्पादन कम हो जाएगा..ताबूत में अंतिम कील
इंग्लैड की सरकार को अपने फैसले को वापस लेने के लिए बुधवार को किसानों ने संसद भवन मार्ग को ट्रैक्टरों को ब्लॉक कर था. अपने बड़े स्केल पर विरोध किसान सरकार को झुकाना चाह रहे हैं. लंदन के एक किसान गैरेथ वेन जोन्स ने न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा, “यह हमारे कृषि ताबूत में अंतिम कील है.” संसद के बाहर किसान तख्तियों के साथ प्रदर्शनकारी किसान खड़े थे. उनके तख्तियों पर लिखा था, “कोई किसान नहीं, तो कोई भोजन नहीं, कोई भविष्य नहीं.”खूब हो रहा है विरोध
किसानों का कहना है कि ब्रिटेन के प्रतिस्पर्धी सुपरमार्केट क्षेत्र, विदेशों से सस्ते आयात और ब्रेक्सिट के बाद सब्सिडी में कटौती के कारण पिछले कुछ वर्षों में उनकी आय कम हो गई है. पहले खेतों को आने वाली पीढ़ियों को ट्रांसफर करना टैक्स मुक्त था, लेकिन अक्टूबर में सरकार ने बताया कि किसानों के जमीन पर साल 2026 से टैक्स लगेगा. इसके तुरंत बाद देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. लंदन में नवंबर में जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ. नवंबर में वेस्टमिंस्टर में 13,000 से अधिक किसान सड़कों पर जमा हो गए थे, इनके साथ ब्रिटेन के सबसे हाई प्रोफाइल किसान जेरेमी क्लार्कसन भी शामिल थे.

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