Success Story: पश्चिम बंगाल के कोलाघाट निवासी अरुप घोष ने फूलों की खेती में सफलता की नई इबारत लिखी है। बचपन से फूलों के प्रति रुचि रखने वाले अरुप ने 17 वर्ष की उम्र में इस क्षेत्र को समझना शुरू किया। उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव तब आया जब उन्होंने थाईलैंड की यात्रा के दौरान वहां की विशेष टेनिस बॉल गेंदा फूल की खेती का ज्ञान प्राप्त किया। यह गेंदा अपने बड़े आकार, घने स्वरूप और टिकाऊपन के लिए जाना जाता है।
साल 2012 में अरुप ने इस किस्म की खेती शुरू की। आज उनके पास 21 एकड़ में फैला फूलों का विशाल खेत है। वे हर साल करीब 4 करोड़ पौधे और 1500 किलो बीज का उत्पादन करते हैं, जिससे उनकी वार्षिक आय ₹5.25 करोड़ से भी अधिक है। अरुप बताते हैं कि एक फूल से लगभग 10 बीज प्राप्त होते हैं, जिन्हें सूखाकर बेचा जाता है।
अरुप के खेत में 80 मजदूर काम करते हैं, जिन्हें वह अच्छा वेतन देते हैं। उनकी यह सफलता स्थानीय किसानों के लिए प्रेरणा बन गई है, जो अब आधुनिक और लाभकारी खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं। अरुप घोष का सपना है कि भारत के हर कोने में फूलों की खेती को बढ़ावा मिले और किसान आर्थिक रूप से सशक्त बनें।