हाथोर समाचार,प्रतापपुर।प्रतापपुर ब्लॉक के किसानों के लिए इस बार की गिरदावरी भारी संकट लेकर आई है। खेतों में पकी खड़ी धान की फसल होने के बावजूद सरकारी रिकॉर्ड से हजारों किसानों का रकबा गायब कर दिया गया है। राजस्व विभाग की गंभीर लापरवाही से परेशान किसान रोजाना पटवारी, आरआई और तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।

किसानों का कहना है कि सेटलमेंट के बाद पिछले कई दशकों से जिन खेतों से धान मंडी में बेचा जा रहा है, उसी जमीन को इस वर्ष की गिरदावरी में शामिल तक नहीं किया गया। इससे न केवल उनके अधिकार प्रभावित हुए हैं, बल्कि उनकी मेहनत भी कागज़ों में खत्म कर दी गई है।
किसानों का आरोप है कि गिरदावरी में गंभीर त्रुटियां, मनमानी और कई स्थानों पर भ्रष्टाचार की आशंका साफ झलक रही है। कई ऐसे लोगों के नाम रिकॉर्ड में जुड़ गए जिनके खेतों में एक दाना धान भी नहीं है, जबकि असली अन्नदाता अपनी जमीन दर्ज करवाने दर-दर भटक रहे हैं।
स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि किसानों ने चेतावनी दी है यदि जल्द रकबा सुधार की कार्रवाई नहीं की गई तो प्रतापपुर सहित पूरे ब्लॉक में बड़ा आंदोलन होगा।
इस मामले पर तहसीलदार चंद्रशिला जयसवाल ने कहा कि “पटवारियों द्वारा किसानों के फॉर्म भरकर जिले को भेजे जा रहे हैं, अभी तक इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।”



