बिट्टू सिहं राजपूत ,अंबिकापुर। अंबिकापुर नगर निगम का पांच वर्षीय कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हो गया। निर्धारित समय पर निकाय चुनाव नहीं होने के कारण निगम की जिम्मेदारी अब प्रशासक के हाथों में आ गई है। सरगुजा कलेक्टर ने बुधवार को नगर निगम की कमान संभाल ली।
कार्यकाल समाप्ति पर महापौर डॉ. अजय तिर्की ने निगम कार्यालय में प्रेस वार्ता आयोजित कर अपने पांच वर्षों के कार्यकाल का लेखा-जोखा पेश किया। उन्होंने कहा कि इस दौरान कई विकास कार्यों को मंजूरी दी गई और शहर को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास किए गए।
डॉ. तिर्की ने बताया कि वर्तमान में 38 करोड़ रुपए के डामरीकरण और अधोसंरचना के कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जो एक महीने में पूरे होने वाले हैं। महामाया मंदिर के प्रवेश द्वार का निर्माण, जो शहरवासियों की एक बड़ी मांग थी, सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
इसके अलावा, सामुदायिक भवनों का निर्माण, गांधी स्टेडियम में मल्टीपरपज इंडोर हॉल और बास्केटबॉल मैदान का विकास, पीजी कॉलेज मैदान में वाकिंग ट्रैक और अन्य सुविधाएं जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।
डॉ. तिर्की ने स्वीकार किया कि कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं उनके कार्यकाल में पूरी नहीं हो सकीं। सेंट्रल लाइब्रेरी का निर्माण, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री ने 100 करोड़ रुपए की घोषणा के साथ स्वीकृत किया था, अब तक शुरू नहीं हो पाया। उन्होंने इसे शहर के युवाओं के लिए अत्यंत आवश्यक बताया।
टीपी नगर की घोषणा भी अब तक अधूरी है, जिससे रिंग रोड और ट्रैफिक प्रबंधन पर असर पड़ा है। सब्जी मार्केट के निर्माण में भी देरी हुई, हालांकि इसका काम अंतिम चरण में है।
महापौर ने कहा कि शहर की घनी आबादी और बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए शहर का विस्तार जरूरी है। सब्जी मार्केट को शहर के बाहर स्थानांतरित करने से रिहायशी इलाकों में यातायात और प्रदूषण की समस्या हल होगी।
डॉ. तिर्की ने अपनी इच्छा जताई कि अधूरी परियोजनाएं नई नगर सरकार के कार्यकाल में पूरी होंगी और शहर के विकास की प्रक्रिया निरंतर चलती रहेगी।
अब निगम के प्रशासनिक कार्यों की जिम्मेदारी कलेक्टर सरगुजा के हाथों में है। नगरवासियों को उम्मीद है कि विकास कार्यों की गति में कोई कमी नहीं आएगी और अंबिकापुर शहर को नए आयाम मिलेंगे।