हाथोर समाचार(Ambikapur News) अंबिकापुर।सरगुजा जिले के लखनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत अमेरा कोल खदान विस्तार को लेकर बुधवार को ग्राम परसोड़ीकला में हालात अचानक बिगड़ गए। जैसे ही कोल कंपनी द्वारा खनन कार्य शुरू किए जाने की जानकारी ग्रामीणों को मिली, बड़ी संख्या में महिला-पुरुष और युवाओं का हुजूम विरोध में खदान स्थल की ओर उमड़ पड़ा। ग्रामीण लाठी-डंडे सहित परंपरागत हथियारों से लैस थे, जिसके बाद मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।

स्थिति को शांत कराने पुलिस और प्रशासन की समझाइश विफल रही। तनाव बढ़ता देख ग्रामीण उग्र हो गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने भी स्थिति काबू में करने लाठीचार्ज किया, मगर ग्रामीणों की संख्या अधिक होने से कई बार पुलिसकर्मियों को पीछे हटना पड़ा। करीब आधे घंटे तक दोनों पक्षों में नोकझोंक, धक्का-मुक्की और पथराव चलता रहा, जिससे माहौल अत्यंत तनावपूर्ण बना रहा।
कई पुलिसकर्मी और ग्रामीण घायल
अमेरा कोल माइंस विस्तार का ग्रामीण लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। पिछले कई महीनों में ग्रामीणों और कोल कंपनी प्रबंधन, सुरक्षा कर्मियों तथा ठेकेदारों के बीच विवाद की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। बुधवार को स्थिति और उग्र हो गई जब लाठी-डंडे से लैस ग्रामीणों ने 200 से अधिक पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया। इस झड़प में कई पुलिसकर्मी और ग्रामीण घायल हुए। धौरपुर टीआई को सिर में गंभीर चोट आने पर उन्हें अंबिकापुर जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि भूमि अधिग्रहण की वैधानिक प्रक्रिया पूर्ण किए बिना कंपनी खदान विस्तार का कार्य जबरन आगे बढ़ा रही है। उनका कहना है कि वे किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे।
प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद, आंसू गैस के गोले छोड़े
घटना की सूचना मिलते ही अपर कलेक्टर सुनील नायक, एएसपी अमोलक सिंह ढिल्लो, लखनपुर टीआई सहित भारी संख्या में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों को खदेड़ने पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसके बाद कुछ देर के लिए भीड़ तितर-बितर हुई, लेकिन स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आ सकी।
भू-अर्जन प्रक्रिया वर्ष 2016 में हुई पूर्ण – अपर कलेक्टर
अपर कलेक्टर सुनील नायक ने बताया कि वर्ष 2016 में अमेरा खदान के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया विधि अनुसार पूरी की जा चुकी है और अधिकांश ग्रामीण मुआवजा ले चुके हैं। कुछ लोग लंबे समय से बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वे अपनी बातें कानूनी तरीके से रखें।



