इंदौर/भोपाल। मध्यप्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए सरकार और प्रशासन ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश के बाद अब प्रदेशभर में दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इस अभियान को ज़मीन पर उतारने के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं देने का आदेश जारी कर दिया है।

इंदौर कलेक्टर का नया आदेश: बिना हेलमेट नहीं मिलेगा सरकारी दफ्तरों में प्रवेश
इंदौर जिला कलेक्टर ने इस नियम को और व्यापक बनाते हुए निर्देश दिया है कि अब बिना हेलमेट के कोई भी बाइक सवार सरकारी कार्यालय में प्रवेश नहीं कर सकेगा। आदेश लागू होते ही इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) सहित अन्य विभागों ने भी अपने स्तर पर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
भोपाल में भी सख्ती, 1 अगस्त से आदेश लागू
राजधानी भोपाल में भी इसी तरह का आदेश कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा जारी किया गया है, जो 1 अगस्त से लागू कर दिया गया है। आदेश के तहत सभी पेट्रोल पंपों को निर्देश दिए गए हैं कि बिना हेलमेट आए दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल न दें। इस आदेश का उल्लंघन करने पर पेट्रोल पंप संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सड़क दुर्घटनाएं रोकने की पहल
राज्य सरकार और प्रशासन का यह निर्णय मध्यप्रदेश मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 129 के तहत लिया गया है, जिसमें दोपहिया वाहन चलाते समय चालक और पीछे बैठी सवारी दोनों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है।
पिछले कुछ वर्षों में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में सड़क हादसों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, जिनमें अधिकांश पीड़ित बिना हेलमेट वाले बाइक सवार होते हैं। सरकार का मानना है कि यदि हेलमेट पहनने की आदत डाली जाए तो सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या में कमी आ सकती है।
जनता से सहयोग की अपील
प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि अपने और अपनों की सुरक्षा के लिए हेलमेट का प्रयोग करें और इस अभियान को सफल बनाने में सरकार का सहयोग करें। यह देखना अब दिलचस्प होगा कि सड़क सुरक्षा के इस अभियान को आम लोग कितना गंभीरता से लेते हैं।