सूरजपुर जिला पंचायत चुनाव: भाजपा को बड़ा झटका ,कांग्रेस और  बागियों का दबदबा ,मंत्री के करीबी भी हारे

बिट्टू सिहं राजपूत ,सूरजपुर । निकाय चुनाव के बाद जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण का मतदान 17 फरवरी को संपन्न हुआ। इस चुनाव में जिला पंचायत की 6 सीटों पर सभी की निगाहें टिकी थीं, क्योंकि मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों के बीच था। साथ ही, भाजपा के बागी उम्मीदवारों ने भी चुनावी समीकरण को प्रभावित किया।

चुनावी परिणाम सत्तारूढ़ भाजपा के लिए बड़ा झटका साबित हुए। पार्टी द्वारा समर्थित सभी 6 प्रत्याशी चुनाव हार गए। खासकर, भाजपा मंडल भटगांव के अध्यक्ष रमेश गुप्ता को करारी शिकस्त मिली और वे चौथे स्थान पर रहे। गौरतलब है कि उनके समर्थन में मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े सहित कई दिग्गज नेताओं ने प्रचार किया था।

परिणामों में कांग्रेस और बागियों का दबदबा

6 में से 4 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की, जबकि 2 सीटों पर भाजपा के बागी उम्मीदवार विजयी रहे। क्षेत्र क्रमांक 8 में भाजपा के बागी प्रत्याशी गिरीश गुप्ता ने 54 वोटों से जीत दर्ज की। इस सीट पर संघ के करीबी अनुज राजवाड़े दूसरे स्थान पर रहे। जानकारी के मुताबिक, अनुज राजवाड़े ने पुनर्गणना की मांग की है। भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी रमेश गुप्ता को लगभग 3,000 वोट मिले और वे चौथे स्थान पर रहे। वहीं, पूर्व मंडल अध्यक्ष सुबास राजवाड़े पांचवें स्थान पर रहे।

भाजपा की अंदरूनी कलह और संगठन पर सवाल

इस चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता जीत के अंतर से काफी पीछे रहे। यह नतीजे संगठन के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहे हैं कि जिन नेताओं को संगठन की मजबूती की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनका खुद का जनाधार कमजोर क्यों है? आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति पर भी यह नतीजे असर डाल सकते हैं।

रमेश गुप्ता और अनुज राजवाड़े की हार चर्चा का विषय

इस चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा दो नामों की हो रही है – रमेश गुप्ता और अनुज राजवाड़े। पार्टी ने रमेश गुप्ता को अधिकृत प्रत्याशी बनाया था, जिनके प्रचार में संगठन के शीर्ष नेता शामिल हुए, बावजूद इसके वे चौथे स्थान पर रहे। दूसरी ओर, अनुज राजवाड़े बिना किसी स्टार प्रचारक के साधारण तरीके से प्रचार कर भाजपा के बागी गिरीश गुप्ता से महज 54 वोटों से पीछे रह गए।

क्या संगठन सही रणनीति अपना रहा है?

अब सवाल यह उठता है कि भाजपा जिन नेताओं पर भरोसा जता रही है, क्या उनका ज़मीनी स्तर पर कोई प्रभाव है? यदि पार्टी ऐसे ही कमजोर जनाधार वाले नेताओं को प्राथमिकता देती रही, तो भविष्य में इसके नतीजे और भी खराब हो सकते हैं।

जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित

  1. योगेश्वरी लक्ष्मण राजवाड़े
  2. कलेश्वरी लखन कुर्रे
  3. नरेंद्र यादव
  4. किरण केराम
  5. अखिलेश प्रताप सिंह
  6. गिरीश गुप्ता

चुनाव परिणामों से स्पष्ट है कि जनता ने भाजपा की अंदरूनी कलह और संगठन की कमजोरी पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। अब देखना होगा कि भाजपा इससे क्या सबक लेती है और आगामी चुनावों में अपनी रणनीति में क्या बदलाव करती है।

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