30 साल से पति-पत्नी चला रहे ग्राम पंचायत की कमान, निर्विरोध सरपंच चुनकर ग्रामीणों ने पेश की मिसाल

बिट्टू सिहं राजपूत ,सूरजपुर। जिले के जगतपुर ग्राम पंचायत में बीते 30 वर्षों से सरपंच पद की कमान एक ही परिवार के हाथों में है। खास बात यह है कि इस गांव में कभी भी सरपंच पद के लिए चुनाव नहीं हुए। हर बार ग्रामीण आपसी सहमति से सरपंच का चयन करते हैं, जिससे गांव में एकता बनी रहती है और विकास कार्य निर्बाध रूप से चलते हैं।

सरपंच के साथ ही पंच

जगतपुर के बुजुर्गों का कहना है कि पहले यह पंचायत बिहारपुर का आश्रित था, जिससे विकास की रफ्तार थमी हुई थी। पहली बार जब फुलेश्वरी पैकरा सरपंच बनीं, तब गांव के विकास कार्यों में कई बाधाएं आईं, क्योंकि पंचायत के बड़े फैसले बिहारपुर के पंचों द्वारा लिए जाते थे। लेकिन बाद में भाजपा नेता महेश्वर पैकरा के नेतृत्व में जगतपुर को अलग पंचायत का दर्जा दिलाया गया, जिसके बाद गांव में विकास की गंगा बहने लगी।

सरपंच पद का शपथ ग्रहण करती निर्वाचित सरपंच

गांव की तकदीर बदली, बुनियादी सुविधाएं पूरी हुईं

पिछले 30 वर्षों में पति-पत्नी के नेतृत्व में जगतपुर की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। पहले जहां सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी थी, वहीं अब गांव पूरी तरह से समृद्ध हो चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि वे पक्ष-विपक्ष से ऊपर उठकर पैकरा परिवार को ही सरपंच चुनते आ रहे हैं क्योंकि उन्होंने गांव की जरूरतों को प्राथमिकता दी है।

निर्विरोध चुनाव से आपसी सौहार्द और विकास को बढ़ावा

ग्रामीणों का मानना है कि चुनाव होने से आपसी संबंधों में खटास आती है। कई बार प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए धन और अन्य प्रलोभनों का सहारा लेते हैं, जिससे भ्रष्टाचार बढ़ता है और विकास प्रभावित होता है। निर्विरोध सरपंच चयन करने से गांव में सौहार्द बना रहता है और विकास कार्यों को गति मिलती है। यही कारण है कि लगातार 6 बार से जगतपुर के ग्रामीण निर्विरोध सरपंच चुन रहे हैं।

ग्राम पंचायत जगतपुर

गांव में मिडिल स्कूल और उप-स्वास्थ्य केंद्र खोलने का लक्ष्य

छठी बार निर्विरोध सरपंच बनीं फुलेश्वरी पैकरा ने शपथ ग्रहण के दौरान कहा कि अब गांव में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो चुकी हैं, लेकिन उनका अगला लक्ष्य मिडिल स्कूल और उप-स्वास्थ्य केंद्र खोलना है। उन्होंने कहा,
गांव के लोग जब इतना विश्वास मुझ पर और मेरे पति पर कर रहे हैं, तो हमारी जिम्मेदारी है कि हम मिलकर जगतपुर को एक आदर्श गांव बनाएं, जिससे जनपद और जिले में इसकी पहचान बने।

गांव का मॉडल पूरे जिले के लिए मिसाल

जगतपुर गांव न केवल विकास के मामले में बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में नई परंपरा स्थापित करने के लिए भी एक मिसाल बन चुका है। यहां के ग्रामीणों ने यह साबित कर दिया है कि जब जनप्रतिनिधि ईमानदार और समर्पित हों, तो बिना राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के भी विकास संभव है।

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