बिलासपुर। वो खौफनाक रात 19 फरवरी की थी, जहाँ शराब के नशे में चूर एक कामांध बाप ने अपनी बेटी की इज्जत को तार – तार करके नीलाम कर दिया था। रात के अँधेरे में शराब के नशे में चूर बाप ने घिनौनी घटना को अंजाम दिया था, जिससे मासूम बेटी की आजीवन जिन्दगी में इस घटना ने खौफनाक स्मृतियाँ दे दी। इस मामले की रिपोर्ट राजधानी के माना थाने में दर्ज की गई थी। मामला जो सामने आया है वो रीह कपाने वाला, रायपुर में मासूम बेटी के साथ उसके ही पिता ने दुष्कर्म किया था।
अब ट्रायल कोर्ट ने आरोपी पिता को प्राकृतिक मृत्यु तक सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी, उसे अब मौत तक जेल में सड़ना पड़ेगा, जिसे चुनौती देने पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सजा को संशोधित करते हुए 20 साल के कठोर कारावास में बदल दिया है।चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की युगलपीठ में इस आपराधिक अपील की सुनवाई हुई। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बलात्कार केवल शारीरिक हमला नहीं है, यह पीड़िता के पूरे व्यक्तित्व, आत्मा और सम्मान को अपमानित करता है। न्यायालयों को ऐसे मामलों को अत्यंत संवेदनशीलता और गंभीरता से देखना चाहिए।अंदर तक कांप उठेगी आत्मा :पीड़िता ने अपने बयान में बताया है कि उसकी मां की मृत्यु हो चुकी है और वह पिता के साथ रहती थी।
पिता छोटी-छोटी बातों पर गालियां देता था और मारता-पीटता था और मजदूरी से कमाए पैसे भी छीन लेता था। शराब पीकर उत्पात मचाता और 19 फरवरी की रात को उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया है। इस घटना से डरी-सहमी पीड़िता घर से भाग निकली और कई दिनों तक भीख मांगकर और रेलवे स्टेशनों पर सोते हुए समय बिताया। आखिरकार रेलवे चाइल्ड लाइन के सदस्य उसे संरक्षण में लेकर थाने ले गए, जहां इस घटना को लेकर एफआईआर दर्ज की गई।क्या है मामला :रेलवे चाइल्ड हेल्प लाइन, रायपुर के एनजीओ में सदस्य के रूप में कार्यरत ज्योति गुप्ता ने थाना प्रभारी, पुलिस स्टेशन माना कैंप, रायपुर को लिखित शिकायत प्रस्तुत की थी कि पीड़िता पुलिस स्टेशन डोंगरगढ़ की निवासी है।
19.02.2019 को पीड़िता के पिता द्वारा उसके साथ शारीरिक शोषण किया गया, जिसके कारण वह अपने घर से रायपुर आ गई। जिसे रेलवे चाइल्ड लाइन, रायपुर ने लावारिस हालत में रेलवे स्टेशन से अपने साथ लेकर आया था। पीड़िता की काउंसलिंग के बाद 01.03.2019 को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसमें बाल कल्याण समिति से बालिका के संबंध में पुलिस स्टेशन माना कैंप में एफआईआर दर्ज करने का आदेश प्राप्त हुआ। उक्त आदेश के पश्चात जयोति गुप्ता ने पुलिस स्टेशन माना कैंप, रायपुर में लिखित शिकायत की। जिस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 ‘पोक्सो’ की धारा 4 और 6 के तहत पीड़िता के पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट से ये कहा :ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित दोषसिद्धि और सजा का आदेश कानून की दृष्टि से गलत है। अपीलकर्ता के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और अभियोजन पक्ष का मामला अनुमानों पर आधारित है, इसलिए अपील स्वीकार की जाए और अपीलकर्ता को बरी किया जाए।पीड़िता ने अपनी FIR में बताया था :पीड़िता ने अपने 164 CRPC बयान में बताया है कि वह कक्षा 7 वीं तक पढ़ी है। उसकी मां का देहांत हो चुका है।
वह अपने पिता के साथ रहती है। उसके पिता छोटी-छोटी बातों पर उसके साथ गाली-गलौज व मारपीट करते हैं। वह मजदूरी कर पैसा कमाती है, लेकिन उसके पिता उसे भी लेकर शराब पीते हैं। उसके पिता आसपास के लोगों से लड़ाई-झगड़ा भी करते हैं। 19 फरवरी 2019 की रात्रि में वह अपने कमरे में सोई थी, उसके पिता हॉल में सो रहे थे। रात्रि करीब 10 बजे उसके पिता उसके कमरे में आए, जबरदस्ती उसके कपड़े उतार दिए तथा उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया और किसी को न बताने को कहा। इस घटना से वह डर गई थी।
उसके बाद उन्होंने 21 फरवरी को उसके साथ मारपीट भी की, जिससे वह और भी ज्यादा डर गई और वह डोंगरगढ़ आ गई, डोंगरगढ़ से वह राजनांदगांव चली गई, राजनांदगांव से वह दुर्ग, भिलाई, रायपुर गई जहां वह भीख मांगकर खाना खाती थी तथा रेलवे वेटिंग रूम में सोती थी। करीब 05-06 दिन पहले वह रायपुर में रेलवे वेटिंग रूम में बैठी थी, जहां रेलवे चाइल्ड लाइन के लोग आए और पूछताछ की उसने घटना के बारे में जिन लोगों को बताया था, उन्होंने उसे माना आश्रम में रहने को कहा।
चाइल्ड लाइन के लोग उसे अगले दिन पुलिस स्टेशन ले गए और घटना की सूचना दीडिवीजन बेंच ने ट्रायल कोर्ट के फैसले पर आंशिक बदलाव करते हुए प्राकृतिक मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा को 20 कठोर कारावास की सजा में तब्दील कर दिया है। कलयुगी बाप की घिनौनी हरकत ने इस तरह एक 12-14 साल की बच्ची की जिन्दगी ख़राब कर दी, बच्ची को भले ही न्याय मिल जाये , लेकिन भविष्य में उसके मानसिक पटल पर ये कैसी घटना रहेगी जो उसे शांति से जीने नहीं देगी?